Main temples in Una Himachal Pradesh
ऊना जिले के पाँच प्रमुख मन्दिर
हिमाचल दो शब्दों हिम और अचल को जोड़कर बना है। हिम यानी बर्फ और अचल का अर्थ है पर्वत अर्थात हिमाचल का मतलब हुआ बर्फ का पर्वत अथवा बर्फ से घिरा पर्वत । हिमाचल को प्राचीन काल से ही देवभूमि कह कर संबोधित किया गया है। यहां अनेक देवी-देवताओं ने वास किया है व जहाँ-जहाँ उन्होंने वास किया वहां-वहां हमें उनकी याद में बड़े-बड़े मन्दिर गुरुद्वारे देखने को मिलते हैं। आज हम सब इन्ही बातों को ध्यान में रख कर हिमाचल के ऊना जिले के पाँच प्रमुख मंदिरों पर प्रकाश डालेंगे। ऊना जिला 1966 ई. से पूर्व पंजाब के होशियारपुर जिले की एक तहसील थी। वर्ष 1966 से 1972 तक ऊना कांगड़ा जिला का भाग था । वर्ष 1972 में ऊना को जिले का दर्जा प्राप्त हुआ । ऊना जिले के लोग काफी धार्मिक प्रवृत्ति के लोग हैं। यहां आपको जगह-जगह पे अनेकों मन्दिर देखने को मिलेंगे । चलिए जानते हैं ऊना के पाँच प्रमुख मन्दिर व इनसे जुड़े इतिहास के बारे में।
1. चिंतपूर्णी देवी : चिंतपूर्णी देवी हिमाचल ही नही बल्कि पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। ऐसी मान्यता है कि यहाँ माता सत्ती का मस्तिष्क गिरा था। इसी वजह से इसका नाम छिन्नमस्तिका भी है। यहां श्रद्धालु दूर-दूर से माथा टेकने आते हैं व उनकी कई मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहाँ हर वर्ष नवरात्रो पे मेले लगते हैं व मन्दिर में बड़ी भीड़ रहती है। यह मंदिर ऊना से लगभग 120 किमी की दूरी पर स्थित है।
2. ब्रह्योती मन्दिर : यह मंदिर भगवान ब्रह्म जी को समर्पित है। बहुत ही कम लोग इसके बारे में जानते होंगे। ब्रह्म जी के समस्त संसार मे केवल दो ही मन्दिर है। इसके पीछे भी बड़ी रोचक कथा है उसका जिक्र फिर कभी किया जाएगा । ब्रह्म जी को भगवान शिव जी से श्राप मिला था जिस कारण किसी भी मन्दिर में उनकी पूजा नही होती। पुष्कर राजस्थान का मंदिर भगवान ब्रह्मा जी को समर्पित है। पुष्कर राजस्थान का मंदिर तो काफी लोकप्रिय है परंतु ब्रह्योती मन्दिर के बारे में कम ही लोग जानते हैं। यह मन्दिर ऊना से 15 किमी की दूरी पर स्थित है।
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4. गरीबनाथ मन्दिर: यह मंदिर बहुत ही अद्धभुत जगह पर है। यह मन्दिर सतलुज नदी के बीचों-बीच बना हुआ है। मन्दिर पर जाने के लिए लोगों को कश्ती में जाना पड़ता है। मन्दिर में भगवान शिव की बहुत सुंदर प्रतिमा है। यह मन्दिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर ऊना से 10 किमी की दूरी पर रायपुर मैदान में स्थित है।
5. शिवबाड़ी मन्दिर : यह मंदिर पांडवो के गुरु द्रोणाचार्य ने बनवाया था व ऐसी मान्यता है कि यहां पर गुरु द्रोणाचार्य जी ने कई वर्ष तप किया था। यहां पर गुरु द्रोणचार्य जी ने शिव जी की पूजा की थी इसी कारण इसका नाम शिवबाड़ी मन्दिर पड़ा था। आस-पास के लोग बड़ी आस्था से इस मंदिर में अपना शीश झुकाने आते हैं। यह मंदिर ऊना से 15 किमी की दूरी पर गगरेट के पास स्थित है।
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