Dr. Pramod Sharma Shimla Rural
प्रदेश राजनीति में जहाँ भाजपा के पास हर सीट पर जीतने की क्षमता रखने वाले टिकट दावेदारों की कोई कमी नहीं थी, आखिर क्या कारण रहा होगा की एक ऐसी विधानसभा सीट, जिसका वर्तमान में प्रतिनिधित्व प्रदेश के मुख्यमंत्री और शीर्ष नेता श्री वीरभद्र सिंह कर रहे हों, से भाजपा नें डॉक्टर प्रमोद शर्मा पर दाव लगाया?
तो आपके इस सवाल का जवाब है कि भाजपा नें डॉक्टर प्रमोद शर्मा को टिकट देकर एक ऐसा दाव खेला हैं की शायद ही कोई इसका अर्थ चुनाव परिणाम आने से पहले समझ सके। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव-2017 में सभी पार्टियों के सभी उम्मीदवारों में से डॉक्टर प्रमोद शर्मा सबसे बुद्धिजीवी (Intellectual) प्रत्याशी है। जी हाँ, ये बात हम नहीं डॉक्टर प्रमोद का बायो-डाटा कहता है। तो आइये जानते हैं डॉक्टर प्रमोद शर्मा का बायो-डाटा आखिर है क्या।
आजीविका के लिए क्या करते हैं प्रमोद ?
डॉ प्रमोद शर्मा वर्तमान में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रबंधन संस्थान में प्रोफेसर के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। इससे पूर्व प्रमोद हिमाचल सरकार के उद्योग विभाग में प्रबंधन स्तर (Gazetted) पर सेवाएं दे चुके हैं। गौरतलब है की प्रमोद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अध्यापन का कार्य प्रारम्भ करने से पहले प्रतिष्ठित हिमाचल प्रशासनिक सेवा (HAS) अधिकारी के पद पर सेवाएं प्रदान कर चुके हैं। डॉक्टर प्रमोद हिमाचल के इतिहास और वर्तमान में अभिन्न रूचि रखते हैं शायद यही कारण है कि वर्ष 1998 में उनकी पीएचडी का विषय “Industrialisation of Himachal Pradesh” था। वे हिमाचल प्रदेश के इतिहास और वर्तमान पर एक बेस्टसेलर पुस्तक “Himachal- TheParadise of India” भी लिख चुके हैं। नेहरू युवा केंद्र से जुड़े प्रमोद समय-समय पर युवाओं के लिए विभिन्न विषयों पर कार्यशाला को भी सम्बोधित करते हैं।
क्या स्तर है उनकी शिक्षा-दीक्षा का ?
शिक्षा के बात करें तो अपनी प्रारम्भि शिक्षा चौपाल से प्राप्त करने के बाद प्रमोद नें गवर्नमेंट कॉलेज रामपुर से साइंस विषय में स्नातक किया। उसके पश्च्यात अपनी M.B.A, L.L.B और Ph.D हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्राप्त की। वे वर्तमान में Himachal Institute of Public Administration (HIPA), Fairlawns में विजिटिंग फैकल्टी हैं।
कब से हैं प्रमोद प्रदेश की राजनीति में ?
राजनीति में डॉक्टर प्रमोद का प्रवेश कोई नयी बात नहीं है। एक समय में हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाने वाले और हिंदी, अंग्रेजी भाषा पर मज़बूत पकड़ रखने वाले प्रमोद नई दिल्ली में भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुके हैं। वर्ष 2003, 2007 और 2012 में वे ठियोग, कुमारसेन-सुन्नी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं। वर्ष 2012 में वे भारतीय तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। कुमारसैन-सुन्नी के वरिष्ठ नागरिक बताते हैं की प्रमोद गाँव-गाँव में अपनी पहचान रखते हैं और ज़मीन से जुड़े नेता है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोद की पहचान
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न Seminars और Conferences में भाग ले चुके प्रमोद International Institute of Good Governance and Public Policy और Lincoln Institute of Leadership & Management के चेयरमैन का दायित्व भी संभालते हैं। इसके साथ-साथ वे 15 से अधिक बेस्टसेलर पुस्तकों का लेखन भी कर चुके हैं।
राजा वीरभद्र सिंह से राजनीति के गुर सीखे प्रमोद कैसे उनके पैंतरे उनके ही खिलाफ प्रयोग करते हैं, ये देखना दिलचस्प रहेगा।
तो यह था डॉक्टर प्रमोद शर्मा का बायो-डाटा। इसे पढ़कर अब आप ही बताइये की शिमला ग्रामीण सीट तो दूर की बात है, क्या वर्तमान समय के प्रत्याशियों में पूरे प्रदेश में कोई और ऐसा नेता है जिसे प्रमोद से अधिक बुद्धिजीवी कहा जा सके? अपने सुझाव कमैंट्स में अवश्य दें और यदि यह लेख पसंद आए तो शेयर अवश्य कीजिये।
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