कांगड़ा के 10 प्रमुख मंदिर और पर्यटन स्थल
हिमाचल पूरे भारतवर्ष में पर्यटन नगरी के रूप में प्रसिद्ध है। इसे देेेवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। हिमाचल में अनेक स्थानों पे प्रकृति के अनमोल भंडार हैं। आज हम सब हिमाचल के कांगड़ा जिले के कुछ प्रमुख मंन्दिरों के बारे में जानेंगे।
1. बज्रेश्वरी माता: यह एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है व कांगड़ा में स्थित है। यह काँगड़ा बस-स्टॉप से 3 किमी की दूरी पर स्थित है। यह 51 शक्तिपीठों में से एक है। ऐसी मान्यता है यहां मस्त दाती का धड़ गिरा था। हर वर्ष यहाँ हज़ारों श्रद्धालु अपना शीश झुकाने आते हैं व उनकी कई मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
2. चामुंडा देवी: चामुंडा देवी का प्रसिद्ध मंदिर भी कांगड़ा जिले में स्थित मन्दिर है। यह मंदिर धर्मशाला से 15 कीलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर बाणगंगा नहीं के किनारे पर स्थित है। मान्यता है की इसी स्थान पर माँ में शुम्भ-निशुंभ (चण्ड-मुंड) का संहार किया था। हर वर्ष नवरात्रों पे यहाँ बड़ी भीड़ रहती है।
3. भागसूनाग मन्दिर: यह मंदिर धर्मशाला से 12 किलोमीटर पर भागसूनाग में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने यहाँ वास किया था इसलिए ये स्थल बहुत ही पवित्र माना जाता है।इस मंदिर से एक किलोमीटर की दूरी पर बहुत ही सुंदर झरना है। यहाँ पर्यटक बहुत ही आनंद की अनुभूति करते हैं।
4. मैक्लोडगंज: मैक्लोडगंज धर्मशाला से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।यहां एक बहुत ही सुंदर बौद्ध मठ है व यहाँ तिब्बतियों के धर्म गुरु दलाई लामा निवास करते है। पर्यटक यहाँ बड़ी दूर-दूर से आते हैं व यहाँ का प्राकृतिक दृश्य देख कर मंत्र मुग्द हो जाते हैं।
5. डल झील: यह झील बहुत ही पवित्र झील है। यह झील मैक्लोडगंज से 7-8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ झील के पास एक मन्दिर भी है जो भगवान शिव जी को समर्पित है। यहां झील में पर्यटक बोटिंग का भी आनंद लेते है।
6. इन्द्रूनाग: यह मंदिर खनियारा में स्थित हैं। यहां जाने के लिए श्रद्धालु 4-5 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर सकते है व सड़क द्वारा वाहनों में भी जा सकते हैं।यह मंदिर नागों के देवता नागराज और वर्षा के देवता इंद्र को समर्पित है।
यह मन्दिर धर्मशाला से 4-5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
7. घंझर महादेव: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मन्दिर घनियारा में स्थित है। हर वर्ष शिवरात्रि पर यहाँ मेले का आयोजन होता है। यह मन्दिर धर्मशाला से 3-4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
8. बगलामुखी मंदिर: माँ दुर्गा का का यह मंदिर काँगड़ा जिले के कैहनवाल(बगलामुखी) में स्थित है। बगलामुखी का अर्थ होता है दुल्हन के सामान मुख वाली। माँ के इस स्वरुप को को शक्ति संचालित करने वाला माना जाता है।
9. काठगढ़ महादेव: यह मंदिर इंदौरा में स्थित है व ये मन्दिर हिमाचल तथा पंजाब की सीमा पर स्थित है। यहाँ शिवजी व माता पार्वती पिंडी के रूप में विराजमान है व हर वर्ष शिवरात्रि के दिन दोनों शिवलिंग एक दूसरे से जूड जाते है व बाकी पूरे वर्ष एक दूसरे से अलग रहते है। यहाँ शिवरात्रि के दिन बहुत भीड़ होती है।
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